Sahil Kee Ret – Kavita Sangrah

225.00

By: Chandrashekhar Dubey

ISBN: 9789391219833

PRICE: 225

Category: POETRY / General

Delivery Time: 7-9 Days

Description

About the book

एक बार लक्ष्मी नारायण लाल ने अमृता प्रीतम से कहा था ” तेरी ज़िन्दगी क्या है? बस एक हादसा। चाहो तो एक रशीदी टिकट पर लिख दो”. ऐसा कहने वाला शायद यह भूल गया था कि जीने के लिए विस्तार नहीं बल्कि गहराई चाहिए. “साहिल की रेत” जीवन की इसी गहराई को रेखांकित करती मेरी प्रथम हिंदी कविता संग्रह समस्त साहित्य प्रेमियों एवम पाठकों को सादर समर्पित है। इस पुस्तक में संकलित सभी कविताएँ जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करती हैं। इसकी विविधता जीवन की समग्र दृष्टि को दर्शाती है।

About the author

चन्द्रशेखर दुबे, लेखक, कवि, अनुवादक एवम शोधकर्ता है। उनकी कविताएं, शोध पत्र, समीक्षा एवम लेख देश, विदेश की राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई है। अंग्रेजी में उन्होंने पांच काव्य संग्रह नामचीन प्रकाशनों से प्रकाशित की है। उन्होंने रामचरित मानस के अनुवादित पुस्तक, रिचा प्रकाशन, नई दिल्ली को संपादित किया है। प्रेमचंद्र की कहानियों, विजयलता त्यागी की कहानी, मीरा बाई की कविताओं तथा कई हिंदी रचनाओं का अंग्रेजी में अनुवाद किया है। उनकी हिंदी कविताएं साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं।
लेखन, शिक्षण एवम साहित्य के लिया उन्हे कई पुरस्कारों से भी नवाजा गया है। वे देश के विभिन्न साहित्क संस्थाओं एवम शोध पत्रिकाओं के संपादकीय कार्यों से जुड़े है।
संप्रति: प्रोफेसर, अंग्रेजी विभाग, शहीद भगत सिंह सांध्य महावि-द्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय।

 

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