Charag Kaafi Hai
₹135.00
by: Chirag Popatbhai Patel
ISBN: 9789391219789
Page: 98
PRICE: 135
Category: JUVENILE NONFICTION / Poetry / General
Delivery Time: 7-9 Days
Description
About the book
चिराग ग़ज़ल लिखना बहुत पसंद करते है क्योंकि वो मानते है की ज़िंदगी के इतने सारे पहलू है तो सिर्फ़ एक ही पहलू पर क्यों बात की जाए। ग़ज़ल में ज़िंदगी के अलग अलग पहलू साथ में लिखे जाते है और यहीं ग़ज़ल की विशेषता भी है। चिराग की शख़्सियत के तमाम पहलू उनकी ग़ज़ल के संकेतों और प्रतीकों में छलकते हैं । वो अपनी बात इतनी सफ़ाई और चतुराई से लिखते है की पढ़ने वालों के दिल में घर कर जाते है।
चिराग़ अपनी गज़लों में आम इंसान के ज़िंदगी के हर छोटे बड़े क़िस्से लिखते है जिस से हर इंसान उनकी लिखीं ग़ज़ल को बड़ी आसनी से समझ सके। चिराग प्यार पर लिखते है, दोस्ती पर लिखते है, सच पर लिखते है, ज़िंदगी पर लिखते है, समाज पर लिखते है, लोगों की आवाज़ पर लिखते है, कुछ कर गुजरने वाली ज़िद पर लिखते है, उम्मीद पर लिखते है और कोशिशें पर भी लिखते है।
अपना अलग रास्ता बनाने के साहस और ज़िद की वजह से ही आज वो यहाँ तक पहुँच पाए है। चिराग अपनी सोच से लोगों की सोच बदलने की काबिलियत रखते है । वो मानते है की दुनिया में इंसानियत अभी भी ज़िंदा है और वो दुनिया को इक अच्छी जगह बनाना चाहते है। वो कहते है की ख़ुद को बदलना है तो अपने अंदर की आवाज़ को सुनना होगा और वो आवाज़ तुम इन गज़लों के द्वारा सुन सकते है और ख़ुद को बदल भी सकते है। चिराग समाज में बदलाव लाना चाहते है , लोगों के लिए कुछ करना चाहते है , वो अपनी ज़िंदगी दूसरों के लिए इस्तेमाल करना चाहते है।
About the author
चिराग अपनी उम्र से ज़्यादा बड़े दिखते है जब वो लिखते है। चिराग अपने नाम से बहुत लगाव रखते हैं क्योंकि उनके नाम का अर्थ होता है दिया , प्रकाश फैलाने वाला और दिया ख़ुद जलता है पर दुनिया में अपनी रौशनी फैलाता है। ठीक वैसे ही लोगों के जीवन में भी अंधेरा होता है और उसे दूर करना चिराग अपना फ़र्ज़ समझते है और इस से उनको बहुत खुशी मिलती है।
चिराग आम लोगों की ज़िंदगी के हर एक पड़ाव को बेहद ख़ूबसूरत, आसान और चतुराई से लिखते है की पढ़ने वालों की नज़र से सीधा दिल में उतर जाते है और अपनी एक ख़ास जगह बना लेते है। उनके विचारों का प्रतिबिंब उनकी गज़लों में छलकता है। चिराग अपनी ज़िंदगी की हर मुसीबत से अकेले लड़े है और उन्होंने अपने निजी तजुर्बों से जो कुछ भी सीखा है उसे चंद शे’र और गज़लों में लिखा है।
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